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आह्वान

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अशफाक़उल्ला खाँ

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और अधिकअशफाक़उल्ला खाँ

    नोट

    प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा आठवीं के पाठ्यक्रम में शामिल है।

    कस ली है कमर अब तो, कुछ करके दिखलाएँगे,

    आज़ाद ही हो लेंगे, या सर ही कटा देंगे।

    हटने के नहीं पीछे, डर कर कभी जुल्मों से,
    तुम हाथ उठाओगे, हम पैर बढ़ा देंगे।

    बेशस्त्र नहीं है हम, बल है हमें चरखे का,
    चरखे से ज़मीं को हम, ता चर्ख़ गुँजा देंगे।

    परवा नहीं कुछ दम की, ग़म की नहीं, मातम
    की, है जान हथेली पर, एक दम में गवाँ देंगे।

    उफ़ तक भी जुबां से हम हरगिज़ न निकालेंगे,
    तलवार उठाओ तुम, हम सर को झुका देंगे।

    सीखा है नया हमने लड़ने का यह तरीक़ा,
    चलवाओ गन मशीनें, हम सीना अड़ा देंगे।

    दिलवाओ हमें फाँसी, ऐलान से कहते हैं,
    ख़ूँ से ही शहीदों के, फ़ौज बना देंगे।

    मुसाफ़िर जो अंडमान के तूने बनाए ज़ालिम,
    आज़ाद ही होने पर, हम उनको बुला लेंगे।

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    अशफाक़उल्ला खाँ

    अशफाक़उल्ला खाँ

    स्रोत :
    • पुस्तक : दुर्वा (भाग-3) (पृष्ठ 119)
    • रचनाकार : अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ
    • प्रकाशन : एन.सी. ई.आर.टी
    • संस्करण : 2008

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