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मिठाई का नाम

mithai ka naam

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एक युवक अपनी पत्नी को उसके मायके पहुँचाने के लिए अपनी ससुराल गया। युवक की सास ने अपने दामाद का हार्दिक स्वागत किया। उसके पसंद का भोजन कराया और आराम करने के लिए अच्छा ओढ़ना-बिछौना दिया। आराम करने के उपरांत उसे कई प्रकार की मिठाइयाँ खिलाई। दामाद को उनमें से सबसे पसंद आया कोझुक्कट्टा जो एक प्रकार का मलयाली मिठाई (केक की भाँति किंतु छल्ले के आकार का) होती है और जिसे चावल, नारियल और शक्कर से बनाया जाता है।

दामाद ने इससे पहले कभी कोझुक्कट्टा नहीं खाया था। उसने अपनी सास से कोझुक्कट्टा का नाम पूछकर कंठस्थ कर लिया। कोझुक्कट्टा का अर्थ होता है छल्ले। दामाद को भी लगा कि यह मिठाई उसकी पत्नी तो बना ही लेती होगी क्यों कि वह पाककला में निपुण है।

जब दामाद अपनी पत्नी सहित अपने घर लौटने लगा तो उसकी सास ने उससे पूछा कि ‘तुम्हें यह मिठाई बहुत पसंद आई है न?’

‘हाँ!’ दामाद ने कहा।

‘तो तुम घर जाकर इसे मेरी बेटी यानी अपनी पत्नी से बनवा लेना। वह इसे बनाना जानती है।’ सास ने कहा। संयोगवश उस समय उसकी बेटी अपनी सहेली से विदा लेने पड़ोस के घर चली गई थी। थोड़ी देर बाद बेटी दामाद विदा हुए और अपने घर गए। घर आते ही दामाद को किसी काम से बाज़ार जाना पड़ा। जब वह बाज़ार से लौट रहा था तो उसने सोचा कि घर जाकर वह अपनी पत्नी से वही मिठाई बनाने को कहेगा। रास्ते में वह मिठाई का नाम सोचने लगा।

कोझुक्कट्टा उसके लिए तनिक कठिन नाम था अत: वह उसके मस्तिष्क से फिसल गया और पता नहीं कैसे उसे ‘थिट्टहे’ याद गया जिसका मलयाली में अर्थ होता है रुदन।

घर पहुँचकर दामाद ने अपनी पत्नी से थिट्टहे मिठाई बनाने को कहा। उसकी पत्नी ने ऐसी किसी मिठाई का नाम तक नहीं सुना था। उसने यही बात अपने पति से कहा तो उसका पति यानी दामाद नाराज़ हो उठा। वह बार-बार थिट्टहे मिठाई बनाने को कहता और उसकी पत्नी बार-बार मना कर देती। तब गुस्से में आकर दामाद ने अपनी पत्नी की कलाई ज़ोर से पकड़ ली। पत्नी ने जैसे-तैसे अपनी कलाई छुड़ाई और कितने क्रूर अपनी कलाई पर पड़ गए छल्ले जैसे निशान को देखती हुई बोली, तुम हो, तुमने मेरी कलाई को इतनी ज़ोर से दबाया कि देखो उस पर कोझुक्कट्टा पड़ गया है।’

पत्नी के मुँह से कोझुक्कट्टा शब्द सुनकर दामाद को मिठाई का असली नाम याद गया। उसने अपनी पत्नी से अपने व्यवहार के लिए क्षमा माँगी और कोझुक्कट्टा मिठाई बनाने का निवेदन किया। पत्नी ने प्रसन्नतापूर्वक मिठाई बनाकर अपने पति को जी भर खिलाया।

स्रोत :
  • पुस्तक : भारत के आदिवासी क्षेत्रों की लोककथाएं (पृष्ठ 335)
  • संपादक : शरद सिंह
  • प्रकाशन : राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत
  • संस्करण : 2009

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