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मेरा कत्था मुझे दो

mera kattha mujhe do

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एक जंगल में कत्थे का एक पेड़ था। उस पेड़ पर एक चिड़िया रहती थी। चिड़िया को अपने उस पेड़ से बहुत लगाव था। उसी जंगल में एक खैरवार युवक आया करता था जो कत्थे के पेड़ों से कत्था एकत्र किया करता था।

एक दिन खैरवार युवक चिड़िया वाले कत्थे के पेड़ के पास जा पहुँचा। उसने देखा कि उस पेड़ से उत्तम किस्म का और बहुत सारा कत्था मिल सकता है। उस युवक ने पेड़ की छाल खरोंची उससे कत्था निकाला और अपने घर चला गया। उस समय चिड़िया पेड़ पर नहीं थी। जब चिड़िया लौटी तो उसने देखा कि उसके पेड़ से बहुत-सा कत्था ग़ायब है। यह देखकर उसे बहुत क्रोध आया।

दूसरे दिन फिर वही हुआ। तीसरे दिन भी वही हुआ। अब चिड़िया का क्रोध सातवें आसमान पर पहुँच गया। चौथे दिन चिड़िया दाना चुगने कहीं नहीं गई। वह भूखी-प्यासी पेड़ पर बैठी रही। प्रतिदिन की भाँति वह युवक आया और पेड़ से कत्था निकालने लगा। यह देखकर चिड़िया उसके सिर पर मँडराने लगी और फिर उसने चोंच से उस युवक के सिर पर प्रहार किया।

‘मुझे क्यों मारा?’ युवक ने पूछा।

‘तुमने मेरा कत्था क्यों चुराया।’ चिड़िया ने कहा।

‘मैंने तुम्हारा कत्था चुराया नहीं है, मुझे आवयकता थी इसलिए ले लिया है। चाहो तो तुम इसे उधार समझ सकती हो।’ युवक ने चिड़िया को बहलाना चाहा।

मगर चिड़िया बहलने वाली नहीं थी। उसने युवक से कहा, 'तो मुझे भी तुम्हारे साफ़े की आवश्यकता है।’ कहते हुए चिड़िया ने युवक का साफ़ा छीन लिया।

‘मेरा साफ़ा मुझे दो!’ युवक ने कहा।

‘मेरा कत्था मुझे दो!’ चिड़िया बोली।

दोनों के बीच इसी तरह बहुत देर तक विवाद चलता रहा। अंततः युवक समझ गया कि चिड़िया उसका साफ़ा नहीं देगी। फिर उसे लगा कि यदि यह बात किसी को पता चली कि एक चिड़िया ने उसका साफ़ा छीन लिया है तो बहुत हँसी होगी। अतः उसने चिड़िया से सौदा करने का निश्चय किया।

‘सुनो चिड़िया, तुम मेरा साफा मुझे दे दो और मैं तुम्हें तुम्हारा कत्था वापस कर देता हूँ।’ युवक बोला।

‘ठीक है। जब कत्था ले आना तब साफा ले जाना।’ चिड़िया ने कहा।

दूसरे दिन युवक ने कत्था लाकर चिड़िया को दिया और अपना साफ़ा ले गया। इस प्रकार चिड़िया ने नन्हा-सा प्राणी होते हुए भी अपनी बुद्धिमानी से एक मनुष्य को पराजित कर दिया।

स्रोत :
  • पुस्तक : भारत के आदिवासी क्षेत्रों की लोककथाएं (पृष्ठ 302)
  • संपादक : शरद सिंह
  • प्रकाशन : राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत
  • संस्करण : 2009

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