Font by Mehr Nastaliq Web

चतुर चिड़िया

chatur chiDiya

अन्य

अन्य

एक पेड़ पर एक चिड़िया और एक चिड़े का घोंसला था। वे दोनों साथ-साथ रहते थे। चिड़िया ने अंडे दिए। पता नहीं कहाँ से एक कौआ गया। उसने अंडे देखे तो उसका मन ललच गया। चिड़िया और चिड़े के असावधान होते ही कौवे ने अंडे खा लिए। चिड़िया और चिड़ा यह देखकर बहुत दुखी हुए।

कुछ दिन बाद चिड़िया ने फिर अंडे दिए। इस बार चिड़िया और चिड़ा सावधान थे। कौआ अंडे खाने फिर धमका। इस बार उसे चोरी से अंडे खाने को नहीं मिले तो वह डरा-धमका कर अंडे खा गया। दो बार अंडे गँवाने के बाद चिड़िया से नहीं रहा गया। उसने तय कर लिया कि वह किसी किसी तरह कौवे से छुटकारा पाकर रहेगी।

कुछ दिन बाद चिड़िया ने फिर अंडे दिए। कौआ फिर गया।

‘कौवे भाई, अगर तुम्हें अंडे खाने हैं तो अंडे खा लो लेकिन पहले हाथ-मुँह तो धो लो।’ चिड़िया ने कौवे से कहा।

कौवा चिड़िया की बात मानकर हाथ-मुँह धोने कुएँ के पास गया। उसने कुएँ से कहा कि पानी दो। इस पर कुएँ ने कहा कि मैं तुम्हें पानी तो दे दूँ लेकिन तुम पहले एक रस्सी और लोटा तो ले आओ।

कौवा रस्सी और लोटा लेने गाँव गया। गाँव में पहुँचकर उसने एक पनिहारिन से कहा कि उसे रस्सी और लोटा दे दे।

‘मैं रस्सी और लोटा तो दे दूँ लेकिन तुम पहले मेरे लिए खेत से अनाज ला दो।’ पनिहारिन ने कौवे से कहा।

कौवा उड़कर खेत में पहुँचा। उसने किसान से कहा कि उसे अनाज दे दे।

‘तुम्हें अनाज तो दे देता लेकिन तुम और तुम्हारे साथी मेरी फसल के पहले ही इतने दाने खा चुके हो कि अब तो तुम्हें मैं अनाज नहीं दंड दूँगा।’ किसान ने कहा और ढेल-बाँस से घुमाकर एक ढेला फेंक कर ऐसा मारा कि ढेला जाकर सीधे कौवे के सिर पर लगा और कौवा वहीं मर गया।

कौवे के मरने के बाद चिड़िया के अंडे सुरक्षित रहे। समय आने पर उनमें से नन्हें-नन्हें बच्चे निकले जिन्हें चिड़ा, चिड़िया की चतुराई की कहानी सुना-सुना कर पालने लगा।

स्रोत :
  • पुस्तक : भारत के आदिवासी क्षेत्रों की लोककथाएं (पृष्ठ 265)
  • संपादक : शरद सिंह
  • प्रकाशन : राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत
  • संस्करण : 2009

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

रजिस्टर कीजिए