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अवधी लोकगीत : नइहर के ब्योहरिया अब तो जाबै चली ससुररिया

awadhi lokgit ha naihar ke byohariya ab to jabai chali sasurariya

अन्य

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रोचक तथ्य

संदर्भ—राष्ट्रीयता।

नइहर के ब्योहरिया अब तो जाबै चली ससुररिया,

तिरंगा भारत कै चुंदरिया,

हमैं मँगाइ देत्या ना।।टेक।।

एक आँचर पै गाँधी महतिमा, एक पै मदन गोपाल।

एक ओर बजरंग बली, एक ओर जवाहिर लाल।।

अइसन छपाइ देत्या ना।

सीता राम रहैं चारिउ ओरिया।।हमैं०।।1।।

उप्पर रहै गनेस कै मूरति, नीचे बीर सुभाष।

इतै बगल माँ भगत सिंह, उत सम्भु सहित कैलास।।

नीचे छपाई देत्या ना।

गिरजा सिंह किहे असवरिया।।हमें०।।2।।

स्रोत :
  • पुस्तक : हिंदी के लोकगीत (पृष्ठ 213)
  • संपादक : महेशप्रताप नारायण अवस्थी
  • प्रकाशन : सत्यवती प्रज्ञालोक
  • संस्करण : 2002

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