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कौरवी लोकगीत : जिद्दिन लाड्डो तेरा जनम हुआ है

kaurwi lokgit ha jiddin laDDo tera janam hua hai

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रोचक तथ्य

संदर्भ—कन्या विदाई के समय।

जिद्दिन लाड्डो तेरा जनम हुआ है, हुई है बजर की रात।

टूट्टे खटोले तेरी अम्मा पौढ़े, बादल गहन गम्भीर।।1।।

पेट भी सून्ना, आँग्गन भी सून्ना, लाड्डो चली बाबल घर त्याग।

घर में तो उसके बाबल रोवैं, अम्मा बहन उदास।।2।।

माय कहै बेटी, नित उठि आइयो, बाबल कहैं छठे मास।

भइया कहैं बीबी काज परोजन, या भतीजे के काज।।3।।

कोठी सेनी निकरी पलकिया, भइया ने खाई पछाड़।

आम के नीचे से निकला डोल्ला, कोयल सबद सुनाई।।4।।

स्रोत :
  • पुस्तक : हिंदी के लोकगीत (पृष्ठ 382)
  • संपादक : महेशप्रताप नारायण अवस्थी
  • प्रकाशन : सत्यवती प्रज्ञालोक
  • संस्करण : 2002

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