Font by Mehr Nastaliq Web

बुंदेली लोकगीत : गगरिया मोरी फोर न डारो बनवारी

bundeli lokgit ha gagriya mori phor na Daro banwari

अन्य

अन्य

रोचक तथ्य

संदर्भ—राधा की शिकायत।

गगरिया मोरी फोर डारो बनवारी।।टेक।।

ऊँचो नीचो घाट उतर कें, कान्ह गेंदुलिया मारी।

जो घर सुनिहैं सास हमारी, हमखाँ देहैं गारी।।1।।

कौन नगर की पानी भरत ती, कौन उरहनो ल्याई?

बरसानो की पानी भरत ती, राधा उरहनो ल्याई।।2।।

स्रोत :
  • पुस्तक : हिंदी के लोकगीत (पृष्ठ 332)
  • संपादक : महेशप्रताप नारायण अवस्थी
  • प्रकाशन : सत्यवती प्रज्ञालोक
  • संस्करण : 2002

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

रजिस्टर कीजिए