इस पुस्तक में कुल तीन खंड हैं। पहले खंड में वर्तमान यूरोपीय युद्ध के शुरू होने से लेकर हरिजन, हरिजन सेवक बंद होने तक महात्मा गाँधी के युद्ध संबंधी समस्याओं और सवालों पर गाँधी जी द्वारा प्रकट किए गए उदगारों का संग्रह है। दूसरे खंड में वर्तमान युद्ध से पूर्व की विश्व राजनीति की उलझनों, संकटों आदि पर लिखे गए उनके लेख हैं। तीसरे खंड में 1914-1918 के बीच हो रहे महायुद्ध के समय गाँधी जी ने अंग्रेजों को जो सहयोग किया उसके स्पष्टीकरण करने वाले लेखों का संकलन है।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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