प्रस्तुत पुस्तक मूलतः गुजराती में लिखी गई थी। काका कालेकरजी ने इस पुस्तक में भारत की प्रमुख सात नदियों की महत्ता को दर्ज किया है। भारत में नदियों को पूजनीय माना जाता है इसलिए लेखक ने उस भावनात्मक जुड़ाव के पहलूओं को भी अंकित करते हुए अपनी भाषा को सरल और सुगम रखा है। ऋषिकेश शर्मा ने इसको हिंदी में अनुवादित किया है।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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