मालापती प्रस्तुत पुस्तक श्री-पहाड़ी जी की रचना है जिसमें उन्होंने क्षेत्रीय और आँचलिक साहित्य पर बल दिया है और साथ ही में अपने अँचल की भाषा को बरकरार रखने की ओर ध्यान दिया है।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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