डॉ. कमल कुमार के इस नवीनतम कहानी-संग्रह ‘क्रमशः' की कहानियाँ समय की संवेदना को सम्पूर्णता में समझते हुए अपने विस्तृत होते अनुभवों के अनेक नये स्तरों को वैचारिक सामर्थ्य के साथ खोलती हैं। वास्तव में जटिल सामाजिक यथार्थ तथा युग-संघर्षों उपजी विसंगतियों को उजागर करने के साथ ही इस संग्रह की कहानियाँ मनुष्य के अन्तर्वैयक्तिक सम्बन्धों की अन्दरूनी त्रासदी और उसकी गहन करुणा को भी पूरी ईमानदारी और समझदारी के साथ अभिव्यक्त करती हैं।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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