'कोई भी दिन' इस संग्रह की कहानियाँ किसी विशेष अनुभव के पूरेपन की प्रतीति से बेदख़ल करती पाठक को जीवन प्रवाह में ख़ामोशी से दाख़िल कर लेती हैं। इनकी शक्ति मितकथन, आश्वस्त भाषा-व्यवहार, ग़ैर-रूमानी मुद्रा में अनुत्तेजित ढंग से पाठक के मर्म को भेदने में है।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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