यह पुस्तक अपने आप में एक ऐसी साहित्यिक विधा का निर्देशन है जिसको किसी भारतीय प्रचलित साहित्य विधा में समाविष्ट नहीं किया जा सकता। यह पुस्तक रम्य गद्य रचना, कहानी संग्रह, उपन्यास, आत्मचरित और मानव का प्रकृत स्वरूप दर्शन सब एक साथ है।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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