हिन्दी साहित्य : बंगीय भूमिका प्रस्तुत पुस्तक से यह पता चलता है कि हिंदी साहित्य की नीवं बंगाल की भूमि है। और वहाँ साहित्यकार हिंदी साहित्य के बीच जिनकी वजह से हिंदी साहित्य इतना विस्तृत हुआ।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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