Font by Mehr Nastaliq Web

लेखक : डॉ भगवानदास

प्रकाशक : ज्ञानमण्डल लिमिटेड, बनारस

प्रकाशन वर्ष : 1953

भाषा : हिंदी

श्रेणियाँ : दर्शनविषयक

पृष्ठ : 301

सहयोगी : भारतीय भाषा परिषद ग्रंथालय

दर्शन का प्रयोजन

पुस्तक: परिचय

'दर्शन का प्रयोजन' भारत में 'दर्शन' उस विद्या को कहा जाता है जिसके द्वारा तत्व का ज्ञान हो सके। मानव के दुखों की निवृति के लिए और/या तत्व ज्ञान कराने के लिए ही भारत में दर्शन का जन्म हुआ है।

.....और पढ़िए

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

रजिस्टर कीजिए