गहन भीतरी संवेदना की आँच में सीझी हुई उनकी ये कहानियाँ अपने सरोकारों में सघन व्यापकता समेटे हैं, जो राजनीतिक, आर्थिक, नैतिक, अनैतिक मूल्यों को अपने बहुपक्षीय बिंदुओं की विरूपताओं और विडंबनाओं से उपजी द्वंद्वात्मक्ता के तनाव में, जिस दक्षता से महीन बुनावट में सिरजती है-चकित करती है।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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