चारुचित्रा प्रस्तुत पुस्तक में कैलाश कल्पित जी ने समाज की बनी रूढ़ियों परंपराओ, और संस्कृति पर आधारित है। विवाह जैसे सांसारिक संबंध बंधने के लिए युवाओं पर जो प्रेशर बनाया जाता है उसका एक ढाँचा प्रस्तुत होता है। और इससे माध्यम से उनकी आज़ादी छिन जाने का डर बना रहता है।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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