प्रस्तुत उपन्यास बहता पानी रमता जोगी आज़ादी मिलने की धुँधली-सी याद है। लेकिन आज़ादी के बाद के भारत के गाँवों का चित्रण बिल्कुल सामने है। उन्हीं गाँवों के जनजीवन की क़िस्से इसमेें अंकित हैं।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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