पेड़ों की अम्मा ‘थिमक्का’

peDon ki amma ‘thimakka’

अज्ञात

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पेड़ों की अम्मा ‘थिमक्का’

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नोट

प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा तीसरी के पाठ्यक्रम में शामिल है।

ये श्रीमती थिमक्का हैं। थिमक्का को ‘अम्मा’ और ‘वृक्षमाता’ के नाम से भी जाना जाता है। इनका जन्म कर्नाटक के तुमकुरु ज़िले में हुआ था। ये कर्नाटक में ही रहती हैं। पिछले 80 वर्षों से थिमक्का सड़कों के किनारे पौधे लगा रही हैं। पैसे की कमी के कारण अम्मा ने आरंभ में एक खान में श्रमिक के रूप में काम किया था। थिमक्का ‘सालमरदा थिमक्का’ के नाम से भी जानी जाती हैं। ‘सालूमरदा’ कन्नड़ भाषा में पेड़ों की पंक्ति को कहते हैं। अतः उन्हें इस नाम से भी जाना जाता है।

थिमक्का हुलिकल और कुदुर के बीच स्थित 45 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर लगभग 385 बरगद के पेड़ लगाने के लिए विख्यात हैं। इन पेड़ों के कारण राजमार्ग अत्यंत रमणीय और सुसज्जित लगने लगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने अनेक स्थानों पर पेड़ लगाए जिनकी संख्या 8000 से अधिक है। इनसे पर्यावरण को बहुत लाभ हुआ। इस कार्य में उन्हें उनके पति ने भी पूरा सहयोग दिया।

उनके इस महत्त्वपूर्ण काम के लिए भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया।

इनकी उम्र 107 वर्ष है। आज भी ये अपने अच्छे कार्यों में सक्रिय हैं। थिमक्का को भारत के कई वनीकरण कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाता है।

अपने जीवन में अनेक कष्ट उठाने के उपरांत भी समाज के लिए उपयोगी कार्य करने वाली थिमक्का का व्यक्तित्व सभी के लिए आदर्श है। अभाव में भी केवल अपनी निष्ठा और श्रद्धा के बल पर किस प्रकार सामाजिक कार्य के लिए स्वयं को समर्पित किया जा सकता है, इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं थिमक्का।

स्रोत :
  • पुस्तक : वीणा (पृष्ठ 108)
  • प्रकाशन : एनसीईआरटी
  • संस्करण : 2022
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

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‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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