Font by Mehr Nastaliq Web
noImage

विष्णु सीताराम सुकथंकर

विष्णु सीताराम सुकथंकर की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 3

किसी प्रगतिशील जाति के जीवन में सजीव शक्ति बने रहने के लिए महाकाव्य को मंद गति से परिवर्तनशील ग्रंथ होना ही चाहिए। परिशोधन और विस्तार तो इस बात के बाह्य संकेत मात्र हैं कि यह प्रेरणा देने और मार्गदर्शन करने वाला ग्रंथ रहा है, कि पुस्तकों की धूल-धूसरित अलमारी में पड़ा अप्रुक्त तथा विस्मृत ग्रंथ।

  • शेयर

भारतीय शास्त्रकारों के अनुसार धर्म और नीति की अत्यंत युक्तियुक्त और पूर्ण व्याख्या को महाभारत ग्रंथ प्रस्तुत करता है।

  • शेयर

हमारा अतीत ही स्वयं को बढ़ाकर वर्तमान बन गया है। हम अतीत हैं, मेरा आशय वास्तविक हम से हैं।

  • शेयर
 

Recitation

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

रजिस्टर कीजिए