सुदर्शन की कहानियाँ
हार की जीत
माँ को अपने बेटे, साहूकार को अपने देनदार और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था। भगवत-भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता। वह घोड़ा बड़ा सुंदर था, बड़ा बलवान। उसके जोड़ का घोड़ा सारे
एथेंस का सत्यार्थी
यह उस बीते हुए युग की कहानी है जब यूनान ऐश्वर्य और वैभव के शिखर पर था और संसार की सर्वोत्तम संतान यूनान में उत्पन्न होती थी। रात का समय था। काव्य और कला को कभी न भूलने वाले प्राचीन एथेंस पर अंधकार छाया हुआ था। चारों तरफ़ सन्नाटा था, चारों ओर निस्तब्धता
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere