शिवप्रसाद गुप्त के यात्रा वृत्तांत
बुल्गारिया
बेलग्रेड से रेल पर ‘सोफ़िया’ को रवाना हुआ। रास्ते में पिराट स्टेशन पर बल्गारिया का अधिकार आरंभ होने के कारण यात्रियों को गाड़ी पर से उतर कर अपना-अपना पासपोर्ट दिखाना पड़ा। मोहर करके पासपोर्ट फेर दिए गए। बुल्गारिया एक मामूली राज्य है, किंतु इस बारे में वहाँ
सर्बिया
बुडा से रेल पर चढ़कर सर्बिया की यात्रा की। जितना ही आगे बढ़ता जाता था उतना ही यूरोपियन सभ्यता की कमी और एशियाई भाव की बढ़ती देख पड़ती थी। पाश्च्यात्य पोशाक, रहन-सहन, चाल-चलन की जगह एशियाई वेशभूषा और रीति-रस्म देख पड़ने लगे। बैल, भेड़-बकरी, यहाँ तक कि मिट्टी
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere