राहुल सांकृत्यायन के रेखाचित्र
रूपी
(एक) वह इसके लिए पैदा नहीं हुई थी। कई बार इस दलदल से निकलने की उसने कोशिश भी की। मधुपुरी सवा सौ वर्ष पुरानी बिलासनगरी है, उसके पहले वही लोग यहाँ के घने जंगलों में अपने पशुओं को चराते थे, जो अब भी उसकी सीमा के बाहर अपने छोटे-छोटे गाँवो
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere