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राहुल सांकृत्यायन

1893 - 1963 | आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश

हिंदी यात्रा साहित्य के जनक के रूप में समादृत लेखक, इतिहासकार, बौद्ध विद्वान और बहुभाषाविद्। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

हिंदी यात्रा साहित्य के जनक के रूप में समादृत लेखक, इतिहासकार, बौद्ध विद्वान और बहुभाषाविद्। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

राहुल सांकृत्यायन की संपूर्ण रचनाएँ

यात्रा वृत्तांत 5

 

आलोचनात्मक लेखन 1

 

उद्धरण 5

यदि जीवन में कोई अप्रिय वस्तु है तो वह वस्तुतः मृत्यु नहीं है, मृत्यु का भय है।

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हमारे घुमक्कड़ असंस्कृत देश में संस्कृति का संदेश लेकर गए, किंतु इसलिए नहीं कि जाकर उस देश को प्रताड़ित करें। वह उसे भी अपने जैसा संस्कृत बनाने के लिए गए। कोई देश अपने को हीन समझे, इसी का ध्यान रखते हुए उन्होंने अपने ज्ञान-विज्ञान को उसकी भाषा की पोशाक पहनाई, अपनी कला को उसके वातावरण का रूप दिया।

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भारत जैसी मातृभूमि पाकर कौन अभिमान नहीं करेगा? यहाँ हज़ारों चीज़ें हैं जिन पर अभिमान होना ही चाहिए।

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व्यक्ति और उसकी प्रशंसा कितने दिन रहेगी?

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मातृभूमि का अभिमान पाप नहीं है, यदि वह दुरभिमान नहीं हो।

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रेखाचित्र 1

 

पुस्तकें 15

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