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नवीन सागर

1948 - 2000 | सागर, मध्य प्रदेश

हिंदी के अत्यंत उल्लेखनीय कवि-कथाकार। ’नींद से लंबी रात’, ‘जब ख़ुद नहीं था’ और ‘हर घर से ग़ायब' शीर्षक से तीन कविता-संग्रह प्रकाशित।

हिंदी के अत्यंत उल्लेखनीय कवि-कथाकार। ’नींद से लंबी रात’, ‘जब ख़ुद नहीं था’ और ‘हर घर से ग़ायब' शीर्षक से तीन कविता-संग्रह प्रकाशित।

नवीन सागर की संपूर्ण रचनाएँ

कविता 75

उद्धरण 16

हम अपने बारे में इतना कम और इतना अधिक जानते हैं कि प्रेम ही बचता है प्रार्थना की राख में।

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अपने भूले रहने की याद में जीवन अच्छा लगता है।

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ख़ामोशी का जाना भी एक आवाज़ है।

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जो तुम्हें कहीं से बुला रहे हैं, उन्हें नहीं पता वे कहाँ हैं।

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अकेला एक कायर सबको मार सकता है।

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