हजारीप्रसाद द्विवेदी का आलोचनात्मक लेखन
उपन्यास और कहानी
उपन्यास और कहानियाँ हमारे साहित्य में नई चीज़ हैं। पुराने साहित्य में कथा, आख्यायिका आदि के रूप में इस जाति का साहित्य मिलता है पर उनमें और आधुनिक कथाओं-उपन्यास और कहानियों में मौलिक भेद है। मौक़ा पाकर हम इस भेद को समझने का प्रयत्न करेंगे। अभी तो हम
कथा - आख्यायिका और उपन्यास
123 लाखों वर्ग मील में फैले हुए हजारों वर्ष के वृद्ध इस भारतवर्ष की साहित्यिक साधना इतनी विराट, इतनी जटिल और इतनी गंभीर है कि उसको प्राचीन और नवीन चिंताओं पर संक्षेप में फैसला सुना देना हिमाकत भर है। फिर भी मैं आपके सामने जो यह साहस करने के लिए खड़ा
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere