गाब्रिएल गार्सीया मार्केस की संपूर्ण रचनाएँ
उद्धरण 35

तब यह दुनिया वाक़ई पूरी तरह से बर्बाद हो गई, जब आदमी प्रथम श्रेणी में यात्रा करने लगा और साहित्य मालगाड़ी से ढोया जाने लगा।
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