बनादास के कवित्त
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1821 - 1892 | गोंडा, उत्तर प्रदेश
मधुरोपासक रामभक्त कवि। काव्य-सौष्ठव, प्रबंध-पटुता और शैलियों की विविधता के लिए ख्यात।
मधुरोपासक रामभक्त कवि। काव्य-सौष्ठव, प्रबंध-पटुता और शैलियों की विविधता के लिए ख्यात।