noImage

यशवंत दिनकर पेंढरकर

1899 - 1985 | सतारा, महाराष्ट्र

यशवंत दिनकर पेंढरकर की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 3

क्या प्रीति का लक्षण यही है कि पुरुष स्त्री को काँच की गुड़िया के समान संभाल कर रखे? वस्तुतः अपने जैसा ही उसे बनाना सच्चे प्रेम का लक्षण है। इसलिए मुझे अपने जैसा ही श्रमजीवी बना लो क्योंकि घर मंदिर नहीं है और मैं गृहिणी हूँ, देवी नहीं।

  • शेयर

देश जिनका देवता है, उसकी सेवा जिनका धर्म है, दासता से उसकी मुक्ति जिनका ध्येय है और जो काल को मार्कण्डेय के समान जीत लेते हैं—आओ, हम उनकी आरती गाएँ।

  • शेयर

यहाँ कौन किसको तसल्ली दे? सभी एक से दुःखित और व्रस्त हैं।

  • शेयर
 

"महाराष्ट्र" से संबंधित अन्य कवि

Recitation