प्रतीक्षा पर कड़वक

प्रतीक्षा या इंतिज़ार

किसी व्यक्ति अथवा घटित के आसरे में रहने की स्थिति है, जहाँ कई बार एक बेचैनी भी अंतर्निहित होती है। यहाँ प्रस्तुत है—प्रतीक्षा के भाव-प्रसंगों का उपयोग करती कविताओं से एक अलग चयन।

बारहमासा (माघ)

मुल्ला दाउद

बारहमासा (पौष)

मुल्ला दाउद

नागमती वियोग (सात)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (चौदह)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (पंद्रह)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (बारह)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (सत्रह)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (तेरह)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (पाँच)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (छह)

मलिक मोहम्मद जायसी

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere