ग्रीष्म पर अनुवाद

ग्रीष्मकाल के रूप में

ऋतु-परिवर्तन और जमा अनुभूतियों-अनुभवों पर लिखी कविताएँ का संग्रह।

आवाज़ें-184

अंतोनियो पोर्चिया

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

संबंधित विषय