नमक पर दोहे
विविध प्रसंगों में लवण,
लावण्य और अश्रु के आशय को व्यक्त करती कविताओं से एक चयन।
संगत के अनुसार ही, सबकौ बनत सुभाइ।
साँभर में जो कछु परै, निरो नोंन ह्वै जाइ॥
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
लावण्य और अश्रु के आशय को व्यक्त करती कविताओं से एक चयन।
संगत के अनुसार ही, सबकौ बनत सुभाइ।
साँभर में जो कछु परै, निरो नोंन ह्वै जाइ॥
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere