अफ़वाह पर उद्धरण

जनप्रवाद—लोगों के बीच

चर्चित ऐसी ख़बर या जानकारी जिसकी सचाई संदिग्धक हो। सामाजिक संरचना में कमज़ोर वर्गों पर हमले और उनके उत्पीड़न और राजनीतिक संरचना में सत्ता पर नियंत्रण के लिए अफ़वाहों का उपयोग उपस्कर की तरह किए जाने की प्रवृत्ति रही है। डिजिटल मीडिया के उभार के साथ अफ़वाहों की शक्ति और त्वरा में वृद्धि हुई है। कविताएँ सदैव इसके प्रति सचेत करती रही हैं।

quote

अफ़वाह सुनना नहीं, सुनना तो मानना नहीं।

महात्मा गांधी
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संकट में हर अफ़वाह सुनने योग्य समझी जाती है।

पब्लिलियस साइरस

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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