खँडहर पर कविताएँ
खँडहर का प्रचलित अर्थ
पुरानी इमारत का अवशेष या किसी ध्वस्त मकान का बचा-खुचा हिस्सा है। अवशेष और शेष बचे-खुचे के भाव में वक़्त, उम्र, जीवन के विभिन्न प्रतीकों में कविता इसका उपयोग करना जानती है।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere