राधा पर पद

कृष्ण-भक्ति काव्यधारा

में राधा-कृष्ण की लीलाओं का वर्णन प्रमुख विषय रहा है। राधा कृष्ण की सहचरी के रूप में अराध्य देवी हैं, जिनके नाम का अर्थ पूर्णता और सफलता है। राधा-कृष्ण को शाश्वत युगल कहा जाता है और राधा के बिना कृष्ण अपूर्ण कहे गए हैं। प्रस्तुत चयन में राधा की महत्ता की स्थापना करते काव्य-रूपों का संकलन किया गया है।

हरि को भलौ मनाइये

परमानंद दास

यह छबि बाढ़ो री रजनी

चाचा हितवृंदावनदास

कहती राधिका अहीर

परमानंद दास

नाचत दोऊ रंग भरे

गोविंद स्वामी

सोभा केहि बिधि बरनि सुनाऊँ

चाचा हितवृंदावनदास

सुघर राधिका प्रवीन

हरीराम व्यास

झूलत राधिका रस भरी

गोविंद स्वामी

दूलह दुलहिन अधिक बनी

गोस्वामी हरिराय

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere