भारतवर्ष की उन्नति कैसे हो सकती है?
आज बड़े आनंद का दिन है कि छोटे-से नगर बलिया में हम इतने मनुष्यों को एक बड़े उत्साह से एक स्थान पर देखते हैं। इस अभागे आलसी देश में जो कुछ हो जाए वही बहुत कुछ है। बनारस ऐसे-ऐसे बड़े नगरों में जब कुछ नहीं होता तो हम यह न कहेंगे कि बलिया में जो कुछ हमने
भारतेंदु हरिश्चंद्र
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere