
ऊधम मचाना एक तरह का नशा है। न मचा सकने से तकलीफ़ होती है, हुड़क-सी आने लगती है।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
ऊधम मचाना एक तरह का नशा है। न मचा सकने से तकलीफ़ होती है, हुड़क-सी आने लगती है।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
रजिस्टर कीजिए