पाखंड पर कवित्त
इस चयन में प्रस्तुत
कविताओं का ज़ोर पाखंडों के पर्दाफ़ाश पर है। ये कविताएँ पाखंड को खंड-खंड करने का ज़रूरी उत्तरदायित्व वहन कर रही हैं।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
कविताओं का ज़ोर पाखंडों के पर्दाफ़ाश पर है। ये कविताएँ पाखंड को खंड-खंड करने का ज़रूरी उत्तरदायित्व वहन कर रही हैं।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
रजिस्टर कीजिए