गुरु पर कविताएँ

मध्यकालीन काव्य में

गुरु की महिमा की समृद्ध चर्चा मिलती है। प्रस्तुत संचयन में गुरु-संबंधी काव्य-रूपों और आधुनिक संदर्भ में शिक्षक-संबंधी कविताओं का संग्रह किया गया है।

ब्रह्मराक्षस

गजानन माधव मुक्तिबोध

एक आलसी टीचर के नोट्स

घनश्याम कुमार देवांश

बीनियाँ और धामन

सुमन मिश्र

गुरु और चेला

सोहनलाल द्विवेदी

मेरे गुरुदेव

वल्लत्तोल

काव्य-गुरु

कमल जीत चौधरी

कटे अँगूठों की बंदनवारें

शिवमंगल सिंह 'सुमन'

दोनों तरफ़

बोधिसत्व

गुरु के नाम

अनुजीत इक़बाल

नए शिक्षक

परमेंद्र सिंह

तेरे दर पर

जसवंत दीद

मूल

जसवंत दीद

सुशि‍ष्य

विनय विश्वास

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere