दरवाज़ा पर उद्धरण
आवाजाही के लिए दीवार
में खुले हुए स्थान के रूप में दरवाज़ा या द्वार घर का एक महत्त्वपूर्ण अंग होता है। इसे घर का मुख भी कहते हैं। आवाजाही की इस उपयोगिता के साथ दरवाजा दुनिया की और कल्पना की तमाम आवाजाहियों का एक रूपक बन जाता है। प्रस्तुत है स्मृति-विस्मृति, ठौर-बेठौर आदि तमाम जीवन दृश्यों को रचते दरवाज़ों पर एक ख़ास चयन।

तुम एक बहरे व्यक्ति का दरवाज़ा ताउम्र खटखटाते रह सकते हो।

मैं चाहता हूँ कि दुनिया मेरे साथ हर चेतना के खुले दरवाज़े को पहचाने।

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere