
आप कभी भी इतने बूढ़े नहीं होते हैं कि कोई और लक्ष्य निर्धारित न कर सकें या कोई नया सपना न देख पाएँ।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
आप कभी भी इतने बूढ़े नहीं होते हैं कि कोई और लक्ष्य निर्धारित न कर सकें या कोई नया सपना न देख पाएँ।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere