रेगिस्तान पर कविताएँ

रेगिस्तान ऐसा शुष्क

भू-दृश्य है, जहाँ उच्च और निम्न तापमान की चरम स्थिति पाई जाती है और वनस्पति विरल होती है। अपनी इस अद्वितीयता के कारण रेगिस्तान विशिष्ट जीवन-शैली और संस्कृति को अवसर देते हैं। प्रस्तुत चयन में भारतीय रेगिस्तान के जीवन, संस्कृति और जीवनानुभवों पर अभिव्यक्त कविताओं का संकलन किया गया है।

ऊँट

कृष्ण कल्पित

नदी

कृष्ण कल्पित

रेगिस्तान में बारिश

सुमेर सिंह राठौड़

धन्य हो प्रभु!

रहमान राही

गड़रिए

प्रभात

यह रेगिस्तान

कृष्ण कल्पित

मुझसे मेरा नाम न पूछो

कृष्ण मुरारी पहारिया

मरुस्थल की लीला

अमृता प्रीतम

अपवर्तन

अमृत रंजन

जल

श्रुति गौतम

मरुधरा

विनोद पदरज

एक दिन

ममता बारहठ

थार की बात

प्रमिला शंकर

मरुपथ

बुद्धदेव बसु

थार

मीठेश निर्मोही

थार

अहर्निश सागर

अभागा

हरे प्रकाश उपाध्याय

सुलगता रेगज़ार

विनीत राजा

रेगिस्तान

गिरधर राठी

एक रेगिस्तान था

पूनम अरोड़ा

थकान

नरेश अग्रवाल

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere