अवसाद पर गीत

अवसाद अपने सामान्य अर्थ

में उदासी, रिक्तता, निराशा, हताशा, ग्लानि, चिंता आदि को प्रकट करता है और इन्हें कविता और कला के लिए उत्प्रेरक लक्षणों की तरह देखा गया है। अपने गंभीर लक्षणों में यह एक मनोविकार है जो स्वयं के प्रति या दुनिया के प्रति हिंसा में भी बदल सकता है। मनोगतता से इसके संबंध के कारण यह हमेशा से कविता का विषय बनता रहा है।

हड्डियों का पुल

देवेंद्र कुमार बंगाली

ये कैसी दोपहरी है

अन्नू रिज़वी

कहाँ गए वे दिन रोबीले

देवेंद्र कुमार बंगाली

आधी रात

शंभुनाथ सिंह

मन न हुए मन से

देवेंद्र कुमार बंगाली

उदासी

देवेंद्र कुमार बंगाली

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere