का एक प्रमुख पर्व है। इसे अँधेरे पर उजाले की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। प्रस्तुत चयन इन दोनों ही आशयों के इर्द-गिर्द दीप जलाती कविताओं से किया गया है।
दीपावली अर्थात् नन्हे-नन्हे दीपकों का उत्सव। रोशनी के नन्हे-नन्हे बच्चों का उत्सव! ‘जब सूर्य-चंद्र अस्त हो जाते हैं तो मनुष्य अंधकार में अग्नि के सहारे ही बचा रहता है।’ ‘छान्दोग्य उपनिषद्’ के ऋषि का य
कुबेरनाथ राय
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