
हम यह नहीं कह सकते हैं कि अगर कोई बच्चा कुपोषित होगा, वह अपराधी बन जाएगा। हमें देखना चाहिए कि बच्चे ने क्या निष्कर्ष निकाला है।


अपराधी पर दया करने से लोकधर्म का नाश होता है।

अपराधी व्यक्ति सोचते हैं कि सब बात उन्हीं के विषय में है।

पाप का फल छिपाने वाला पाप छिपाने वाले से अधिक अपराधी है।

कोई भी क्यों न हो, जिसका कार्य-कारण हमें नहीं मालूम, उसे अगर हम क्षमा न भी कर सकें, तो उसका विचार करके कम-से-कम उसे अपराधी तो नहीं ठहरावें।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere