
संसार के सारे कर्म इसके पार करने के सेतु हैं। देखने में एक कर्म दूसरे से भिन्न है पर उन सब के मिलने से ही वह सेतु बनता है जो संसार के पार लगाता है।

पशु को हमने पीछे छोड़ा है, प्रभु को हमें आगे पाना है। हम पशु और प्रभु के बीच एक सेतु से ज़्यादा नहीं हैं।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere