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भ्रमरगीत पर कुंडलियाँ

प्रस्तुत चयन में भ्रमरगीत

काव्य-परंपरा की रचनाओं का संकलन किया गया है।

रे भौंरा रसबावरे

अक्षर अनन्य

ऊधो हरि ऐसी करी

अक्षर अनन्य

ऊधो लंपट पुरुष की

अक्षर अनन्य

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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