सौंदर्य पर गीत

सौंदर्य सुंदर होने की

अवस्था या भाव है, जो आनंद और संतोष की अनुभूति प्रदान करता है। सौंदर्य के मानक देश, काल, विषय और प्रसंग में बदलते रहते हैं। प्रस्तुत चयन में उन कविताओं को शामिल किया गया है; जिनमें सुंदरता शब्द, भाव और प्रसंग में प्रमुखता से उपस्थित है।

खिली थी, झर गई बेला

देवेंद्र कुमार बंगाली

एक पेड़ चाँदनी

देवेंद्र कुमार बंगाली

अगर नदी में लहर न होती

विनोद श्रीवास्तव

कार्नेलिया का गीत

जयशंकर प्रसाद

किसे भूल जाऊँ?

शंभुनाथ सिंह

दृष्टि

राघवेंद्र शुक्ल

चाँद-किरन

देवेंद्र कुमार बंगाली

धूप हल्दिया छाँव काजली

हरिहर प्रसाद चौधरी ‘नूतन’

नदिया रस्ता भूल गई

अन्नू रिज़वी

हृदय का सौंदर्य

जयशंकर प्रसाद

अनारकली

गोपालशरण सिंह

चकाचौंध

शंभुनाथ सिंह

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere