Font by Mehr Nastaliq Web

साधौ भाई भीतर का छब न्यारा

sadhau bhai bhitar ka chhab nyara

सैन भगत

अन्य

अन्य

सैन भगत

साधौ भाई भीतर का छब न्यारा

सैन भगत

साधौ भाई भीतर का छब न्यारा।

भीतर सुरज भीतर चंदो, भीतर नवलख तारा।

भीतर बाग-बगीचा मेहके, भीतर अमरत धारा॥

भीतर सबद ब्रह्म को गूँजे, नाद-निनाद इकतारा।

सात समंदर लहरा लेवे, कोई मीठा कोई खारा॥

भीतर गंगा जमना वेवे, सुरसत नरमद धारा।

चामल सिपरा सिवना वेवे, काँवेरी गोमत झारा॥

छोटी-मोटी अणगण वेवे, कोई नदी कोई नारा।

झर-झर झर-झर झरना झरता, अद्भुत उड़े फुव्वारा॥

बारहों सिवजी, सातहों तीरथ, सगत पीठ सतवारा।

जेसी सृष्टि बाहर दीसे, वेसो घट बीच नजारा॥

भीतर घट झलमल उजियारा, जिण बिच सिरजणहारा।

वीण बजावे सरसद नारद, बंसी बंसीवारा॥

सैन भगत घट भीतर बेठ्या, सद्गुरु राम हमारा।

बाहर भीतर एक राम हे, उसका जगत पसारा॥

साधौ भीतर का छब न्यारा॥

साधौ भाई! भीतर की छवि अद्भुत है। वह अनुपम है। घट के भीतर ही चाँद, सूरज और नौ लाख तारे जगमगा रहे हैं। घट के भीतर ही बाग-बगीचे महक रहे हैं और घट के भीतर ही अमृत झर रहा है। भीतर ही शब्द ब्रह्म गूँज रहा है। उसका नाद, निनाद और अनहद नाद इकतारा बज रहा है। भीतर घट में ही सात समुद्र लहरा रहे हैं। कोई मीठा और कोई खारा है। घट भीतर ही गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, चम्बल, शिप्रा, शिवना, कावेरी और गोमती बह रही हैं। अनेक झरने झर रहे हैं। उनकी छवियाँ अद्भुत हैं। घट के भीतर बारहों शिव पीठ, सातों तीर्थ और समस्त सतवंत शक्तिपीठ स्थित हैं। जैसी सृष्टि बाहर दिख रही है, वैसी ही घट के भीतर भी दृष्टिगोचर है। घट के भीतर एक ज्योति झिलमिला रही है, उसी में हमारा साईं है। घट भीतर ही सरस्वती और नारद वीणा वादन कर रहे हैं। कृष्ण बंशी बजा रहा है। घट के भीतर ही हमारा सद्गुरू और राम विराजित हैं। सैन कहते हैं—यह सारी सृष्टि भीतर-बाहर एक ही राम का विस्तार है।

स्रोत :
  • पुस्तक : संत सैन भगत (पृष्ठ 306)
  • संपादक : अशोेक मिश्र
  • रचनाकार : संत सैन भगत
  • प्रकाशन : आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी, मध्यप्रदेश
  • संस्करण : 2013

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY