पद्मा सचदेव की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1940 - 2021 | गुरसाई, जम्मू कश्मीर
समादृत डोगरी कवयित्री और उपन्यासकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
समादृत डोगरी कवयित्री और उपन्यासकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।